आईएनएस विक्रांत (२०१३)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(आई एन एस विक्रांत (२०१३) से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
INS Vikrant being undocked at the Cochin Shipyard Limited in 2015.jpg
आई॰एन॰एस॰ विक्रान्त
देश (साँचा:flag/core) साँचा:shipboxflag
नाम: आई॰एन॰एस॰ विक्रान्त
स्वामी: भारतीय नौसेना
Operator: भारतीय नौसेना
निर्माता: कोचिन शिपयार्ड
निर्दिष्ट: 28 फरवरी 2009
लांच: 2013
विनियुक्त: 2021 तक (अनुमानित)
Motto: जयेम सं युधि स्पृध:
सामान्य विशेषताएँ
वर्ग एवं प्रकार: युद्धपोत
प्रकार: विमान वाहक
टनधारिता: 44,000 tons
विस्थापन: 44,000 टन
लम्बाई: २६२ m overall
बीम: ६२.0 m
Draught: ८,४ मीटर
प्रणोदन: 2 शाफ़्ट, 4 जनरल इलेक्ट्रिक एल एम 2500+ गैस टर्बाइनें, 80 मेगावाट (कुल)
चाल: साँचा:convert
धारिता: 9200 miles at 18 knots
अस्र-शस्र:

4 × ओतोब्रेदा 76 मिमि (3 इंच) तोपें dual purpose बराक 1 और बराक 8 सता से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (2 x 32 cells VLS)

एके-630 सीआईडब्ल्यूएस ("सीविस")
Aircraft carried: 26 मिकोयान मिग-29के
या एचएएल तेजस
10 x कामोव केए-31
वेस्टलैंड सी किंग और एचएएल ध्रुव

आई॰एन॰एस॰ विक्रान्त, जिसे आई॰ए॰सी-1 के नाम से भी जाना जाता है, भारत में बना पहला विमान वाहक जहाज है (प्रोजेक्ट-71)।[१][२] यह 2009 से कोच्ची में बनना आरम्भ हुआ।

हालाँकि इसका बनना फरवरी 2009 में आरम्भ हुआ, लेकिन इसकी बनावट इत्यादि 1999 से ही तैयार किये जाने लगे। यह 29 दिसम्बर 2011 को पहली बार तैरा।[२] यह अभी तक पूर्ण रूप से निर्मित नही हुआ है।[३]

नाम

विक्रांत नाम संस्कृत के विक्रांतः,शब्द से लिया गया है जिसका हिन्दी में अर्थ "साहसी" ( शाब्दिक अर्थ "बाधाओं/सीमाओं के पार जाना") है। [४][५]

बनावट

आईएनएस विक्रांत की बनावट, कम्प्यूटर द्वारा जनित छवि

यह एक आधुनिक विमान वाहक पोत है जिसका वजन लगभग ४०,००० मीट्रिक टन है।[२][६][४] यह STOBAR संरचना वाला विमानवाही पोत है। इसे दो शाफ्टों पर मौजूद चार जनरल इलेक्ट्रिक एल एम २५००+ गैस टर्बाइनें उर्जा देती/चलाती है। ये गैस टर्बाइनें ८० मेगावाट (१,१०,००० अश्वशक्ति) पैदा करतीं है।

यह 262 मीटर (860 फीट) लंबा और 60 मीटर (200 फीट) चौड़ा है। इसमें स्की-जंप के साथ एक STOBAR कॉन्फ़िगरेशन है। इसे मिग २९ के और अन्य हल्के लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है।[४] यह लगभग तीस विमानों तक के एक हवाई समूह को ले जाएगा, जिसमें लगभग २५ 'फिक्स्ड-विंग' लड़ाकू विमान शामिल होंगे, मुख्य रूप से मिग-२९के, इसके अलावा १० कामोव का३१ या वेस्टलैंड सी किंग हेलिकॉप्टर ले जाए जा सकते हैं । कामोव का-31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग (AEW) भूमिका को पूरा करेगा और सी किंग, पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) क्षमता प्रदान करेगा।

देंखे

संदर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।