एंटोनी लेवोज़ियर

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लाव्वाज़्ये

आँत्वान लौराँ द लाव्वाज़्ये (Antoine Laurent Lavoisier), फ़्रांसीसी उच्चारण: [ɑ̃twan lɔʁɑ̃ də lavwazje]; सन् १७४३-१७९४), फ्रांस का सुप्रसिद्ध रसायनज्ञ था। अट्ठारहवीं शताब्दी के रसायन क्रान्ति का वह केन्द्र था। रसायन और जीवविज्ञान दोनों के इतिहास पर उसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। अधिकांश लोग उसे आधुनिक रसायन का जनक मानते हैं। उसने सर्वप्रथम सिद्ध किया कि वायु के मुख्य घटक नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन हैं।

परिचय

लावासिये का जन्म पैरिस के एक धनी व्यापारी परिवार में हुआ था, इन्होंने कॉलेज माज़ारें में कानून के साथ साथ गणित, खगोलिकी तथा वनस्पति विज्ञान और रसायन शास्त्र की शिक्षा पाई।

रसायन शास्त्र में अत्यधिक आकर्षण के कारण आपने कानून का धंधा छोड़कर, अपने जीवन का उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान बनाया तथा सन् १७६५ में फ्रांस की वैज्ञानिक परिषद् में अपना प्रथम लेख उपस्थित किया। इसी परिषद् से, सन् १७६६ में एक बड़े नगर की सड़कों को प्रकाशित करने की सर्वोत्तम रीति पर लेख लिखकर, एक स्वर्णपदक प्राप्त किया। इसके पश्चात् दो वर्ष तक ये फ्रांस के भौमिकीय सर्वेक्षण में लगे रहे और सन् १७६८ में फ्रांस देश का प्रथम भूवैज्ञानिक मानचित्र तैयार किया। इसी वर्ष आप वैज्ञानिक परिषद् के सहकारी सदस्य नामांकित हुए।

लाव्वाज़्ये को आधुनिक रसायन का जन्मदाता माना जाता है। रसायन के क्षेत्र में इनका वही स्थान है जो भौतिकी के क्षेत्र में न्यूटन का है। दो हजार वर्ष से यह विश्वास चला आता था कि जल को पृथ्वी में परिवर्तित किया जा सकता है। सन् १७७० में लव्वाज़्ये ने अपने उन प्रयोगों तथा उनके फलों का वर्णन किया, जिनसे यह विश्वास मिथ्या सिद्ध हो गया। पाँच वर्षों तक लगातार विविध प्रयोग कर इन्होंने खोज निकाला कि वायु दो गैसों का मिश्रण है। इनमें से एक का नाम 'ऑक्सीजन' इन्हीं का दिया हुआ है। आपने दिखाया कि वस्तुओं के जलने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तथा साँस लेने में भी यही गैस काम आती है। इस प्रकार आपने सिद्ध किया कि दहन और श्वसन मुख्यतया एक ही प्रकार की प्रक्रियाएँ हैं तथा वायु के ऑक्सीजन के साथ धातुओं के संयोग से धातुभस्में बनती हैं।

लावासिये की प्रयोगशाला (Musée des arts et métiers / कला एवं शिल्प संग्रहालय)
लावासिये का प्रसिद्ध 'फ्लोगिस्टन प्रयोग' : वायु का विघटन

सन् १७८३ में आपने घोषणा की कि जल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का यौगिक है। तत्व ऐसे पदार्थ माने जाते थे जिनसे संसार के अन्य सब पदार्थ बने हैं, किंतु वे स्वयं किसी अन्य पदार्थ से नहीं बनते। इस प्रकार यह परंपरागत धारणा कि जल एक तत्व है, टूट गई। लाव्वाज़्ये ने रासायनिक तत्वों की सूची सर्वप्रथम तैयार की। आपने अन्य वैज्ञानिकों के सहयोग से पदार्थों के रासायनिक नाम रखने की एक पद्धति भी तैयार की, जिसका उपयोग अभी भी होता है। लाव्वाज़्ये ने स्वयं तथा अन्य रसायनज्ञों, जैसे ब्लैक, प्रीस्टलि, कैवेंडिश आदि, द्वारा किए गए प्रयोगों से प्राप्त ज्ञान का संकलन कर, एक नए रसयनशास्त्र की रूपरेखा तैयार की, जिसने शनै: शनै: आधुनिक रसायन का रूप लिया। आपने रसायन आदि विषयों पर कई उत्कृष्ट ग्रंथ लिखे हैं।

लाव्वाज़्ये ने पैरिस के सार्वजनिक जीवन में भी महत्व के काम किए। राजनीति में इनके विचार उदार थे। उस समय के फ्रांस में, वे सामाजिक सुधार को आवश्यक स्वीकार करते थे, किंतु इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अवैधानिक उपाय अपनाने के पक्ष में वे न थे। सरकार को सहायता पहुँचाने के उद्देश्य से अस्पताल, जेल आदि से संबंधित अनेक प्रश्नों पर आपने विस्तृत जाँचें की। आप उन महान वैज्ञानिकों में से सर्वप्रथम थे जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा भाग राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है। किंतु ये फ्रांस में राज्यक्रांति के दिन थे और क्रांति के विचारों का ही यह फल था कि सन् १७६८ में राज्य के मुख्य इजारेदार नियुक्त होने पर यद्यपि आपने लगानबंदी में महत्व के सुधार किए थे, फिर भी उनका यही पद सन् १७९३ में गिलोटीन पर उनके प्राण लिए जाने का कारण हुआ। इस दु:खद घटना के दूसरे दिन प्रसिद्ध गणितज्ञ तथा खगोलज्ञ, जोसेफ़ लुई लाग्रांज़, ने कहा था उस सिर को काटने में केवल एक पल लगा, जिसके सदृश अन्य सौ वर्ष में भी पैदा न होगा।