अहमदाबाद में पर्यटन

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अहमदाबाद, स्थानीय भाषा में अम्दावाद, भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह भारत का सातवाँ सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और गुजरात राज्य की पूर्व राजनैतिक राजधानी भी रहा है। राज्य के व्यावसायिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र होने के कारण यह शहर गुजरात में एक खास स्थान रखता है। ६५ लाख से अधिक की आबादी के साथ यह वर्तमान में यह गुजरात का सबसे बड़ा और पूरे देश में छठा सबसे बड़ा नगर है। साबरमती नदी के तट पर बसा यह नगर गुजरात की राजनैतिक राजधानी गाँधीनगर से ३० किलोमीटर की दूरी पर है।

अहमदाबाद का तापमान भारत के दूसरे अन्य भागों से अधिक गर्म और अधिक शुष्क होता है। अर्ध शुष्क वातावरण वाले गुजरात में ग्रीष्म, वर्षा और शीत यही तीन प्रकार के मौसम होते हैं। ग्रीष्मकाल की अवधि मार्च से लेकर जून के अंत तक रहती है। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान ४३ °सेल्सीयस (१०९ °फॉरेहाइट) से २४ °°सेल्सीयस (७५°फॉरेहाइट) के मध्य ही रहता है। इसके बाद अक्तूबर तक मानसून का समय होता है जिस दौरान औसतन ३१ इंच अथवा ८०० मिलीमीटर वर्षा होती है। पूरे साल में यह एकमात्र समय होता जब यहाँ के वातावरण में नमी होती है। शीत ऋतु सामान्यतः नवंबर से शुरू हो फ़रवरी तक रहती है। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः ३० °सेल्सीयस (८५ °फॉरेहाइट) से 13 °°सेल्सीयस (५५°फॉरेहाइट) के बीच पाया जाता है। मई १८ और १९ २०१६ अहमदाबाद के अबतक के सबसे गर्म दिन थे जब तापमान ५० °°सेल्सीयस (१२२°फॉरेहाइट) से भी अधिक हो गया था।

कहाँ और क्या खाएं

  • स्वाती स्नॅक्स रेस्टोरेंट - यह लॉ गार्डेन के पास पँचवती पर स्थित है जहाँ आप प्रसिद्ध गुजराती व्यंजनो जैसे कि ढोकला, दाल- बाटी, पात्रा और उनध्यो का आनंद ले सकते हैं। [१]
  • विशला रेस्टोरेंट - इस रेस्टोरेंट में आप परम्परागत गुजराती ग्रामीण परिवेश में (मिट्टी के फर्श के साथ) कम चिकनाई वाले (भुने और सेके हुए) सादे गुजराती खाने का आनंद उठा सकते हैं। यह ए.पि. एम.सि. मार्केट के सामने वासना टोल नाका पर बना हुआः है।
  • द एटरी रेस्टोरेंट: यह रेस्टोरेंट गुजरात के सामने स्थित है औ यहाँ काँटिनेंटल और गुजराती दोनो तरह के व्यंजन मिलते हैं। [२]

कब और कहाँ घूमें

साबरमती आश्रम (गाँधी आश्रम), ओल्ड वडाज

गाँधी आश्रम ओल्ड वडाज में साबरमती नदी के तट पर बसा हुआ है। १९१७ में महात्मा गाँधी द्वारा स्थापित यह आश्रम सत्याग्रह आश्रम के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहीं से गाँधी जी ने १९३० में ब्रिटिश राज के नमक पर कर लगाने के विरुद्ध अपने दांडी मार्च की शुरआत की थी। इस आश्रम ने गाँधी जी की यादों (जिसमे उनकी कूट 'हृदय कुंज" भी शामिल है) को बड़े जतन से सँजो कर रखा है। उनके जीवन से जुड़े वस्तुओं को गाँधी मेमोरियल सेंटर, जो साबरमती आश्रम का एक अंग है, में देखा जा सकता है। [३]

कंकारिया लेक, कंकारिया

कंकारिया झील मुगल बादशाहक़ुतुबूब-दिन द्वारा १४५१ में बनाई गई एक वृताकर झील है। झील के मध्य में नगीना वाडी नाम का एक छोटा सा बाग भी है। इस झील के इर्द-गिर्द कई अन्य आकर्षक स्थल जैसे कि उद्यान, बोट क्लब, चिड़ियाघर, अक्वेरियम और नॅचुरल हिस्टॉरिक म्यूज़ीयम भी बने हुए हैं। झील के चारो तरफ बने रोड पर किसी भी वाहन का आना-जाना माना है अतः यहाँ ट्रॅफिक बहुत कम रहता है। झील का चक्कर लगवाने वाली

एक खिलौना रेलगाड़ी भी पर्यटकों के लिए एक आकर्षण है। [४]

  • साइन्स सिटी, सरखेज गाँधीनगर हाइवे
  • सिदी सईद मस्जिद
  • रानी रूपमति मस्जिद, मिर्ज़ापुर
  • अदलज वाव
  • झूलता मीनार

सन्दर्भ