अपोलो ११
अपोलो 11 वह अंतरिक्ष उड़ान थी जिसने चंद्रमा पर पहले इंसान,[४] नील आर्मस्ट्रांग और ऐडविन "बज़" ऐल्ड्रिन जुनियर को 20 जुलाई 1969 को अन्तरराष्ट्रीय समय के अनुसार 20:17:39 बजे उतारा था।[५] संयुक्त राज्य अमेरिका का यह मिशन मानव इतिहास व अन्तरिक्ष अनुसन्धान के इतिहास में एक बडी उपलब्धी के रूप में देखा जाता है।[६]
19 जुलाई 1969 को मेरिट आइलैंड में स्थित कैनेडी स्पेस सेण्टर लाँच काम्प्लेक्स 39 से उड़ान भरने वाला अपोलो 11 नासा के अपोलो अभियान का पाँचवाँ मानवीय मिशन व तीसरा चन्द्र अभियान था। इसके कर्मीदल के रूप में आर्मस्ट्रांग कमांडर व बज़ एल्ड्रिन लुनार माड्यूल पायलट और माइकल कॉलिन्स कमांड मॉड्युल पायलट थे। आर्मस्ट्रांग और ऐल्ड्रिन चंद्रमा पर ट्रैंक्विलिटी के सागर (Sea of Tranquillity) में उतरे और चाँद पर 21 जुलाई को कदम रखने वाले पहले इंसान बन गए। उनका लुनार मॉड्युल इगल 21 घंटे व 31 मिनट चाँद की प्रष्ठभूमी पर रहा और कॉलिन्स कमांड सर्विस मॉड्युल कोलंबिया में चाँद के उपर बने रहे। 24 जुलाई को तीनो अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर प्रशांत महासागर में उतरे और अपने साथ 21.5 किलोग्राम के चाँद के नमूने लाए।
अपोलो 11 ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ़. केनेडी का चाँद पर सोवियत युनिन से पहले उतरने का सपना साकार कर दिया जिसकी उन्होने 1961 में गुज़ारिश की थी।
इसके बाद 1969 से 1972 के मध्य में छः अपोलो मिशन चाँद पर भेजे गए जिसमें से पाँच चाँद पर उतरने में सक्षम रहे।
कर्मिदल
पद | अन्तरिक्षयात्री |
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कमाण्डर | नील आर्मस्ट्रांग दूसरी अन्तरिक्ष उड़ान |
कमाण्ड मॉड्युल पायलट | माइकल कॉलिन्स दूसरी अन्तरिक्ष उड़ान |
लुनार मॉड्युल पायलट | बज़ एल्ड्रिन दूसरी अन्तरिक्ष उड़ान |